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WFI : वर्ड रेसलिंग ने दिया बड़ा झटका! भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द , चुनाव नहीं होने की वजह से लिया फैसला

Lucknow Desk : देश के पहलवानों को बड़ा झटका लगा है। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द कर दी है। डब्ल्यूएफआई की सदस्यता 45 दिन में चुनाव ना करवा पाने की वजह से रद्द हुई। भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव 12 अगस्त को होने थे, मगर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने वोटिंग से ठीक एक दिन पहले चुनाव पर रोक लगा दी थी। भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का कार्यकाल काफी पहले ही खत्म हो चुका है। इसके बाद कुश्ती संघ में चुनाव कराने के कई प्रयास किए गए और सुप्रीम कोर्ट ने कई बार चुनाव की तारीखें तय की, लेकिन अलग-अलग हाईकोर्ट अलग-अलग राज्य के कुश्ती संघों की याचिका के आधार पर चुनाव में रोक लगाते रहे हैं। इसी वजह से अब तक कुश्ती संघ के चुनाव नहीं हो पाए हैं।

असम हाईकोर्ट भी चुनाव पर रोक लगा चुका है। चुनाव पहले 11 जुलाई को होने थे, मगर असम रेसलिंग एसोसिएशन अपनी मान्यता को लेकर कोर्ट पहुंच गई। जिस पर सुनवाई करते हुए असम हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी थी। इसके बाद अगस्त में भी चुनाव नहीं हो पाए। 

 कई राज्यों के कुश्ती संघ चुनाव की मौजूदा प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं और उनकी याचिका पर कई बार कुश्ती संघ के चुनाव पर रोक लग चुकी है। इसी वजह से विश्व कुश्ती संघ ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द कर दी है।

क्या है मामला?
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का कार्यकाल काफी पहले खत्म हो चुका है। हालांकि, पहलवानों के प्रदर्शन के चलते कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उन्हें कुश्ती संघ के कामकाज से अलग कर दिया गया था। इसके बाद तदर्थ समिति बनाई गई, जिसके ऊपर चुनाव का आयोजन कराने की जिम्मेदारी थी। समिति ने चुनाव कराने की लिए कई तारीखें तय की और अलग-अलग पदों के लिए उम्मीदवारों ने आवेदन भी कर दिए, लेकिन पहले गुवाहाटी हाईकोर्ट और फिर चंडीगड़ हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने पहले ही साफ किया था कि अगर समय पर चुनाव नहीं होते हैं तो भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द की जा सकती है। अब तक चुनाव नहीं होने पर कुश्ती की कुश्ती की वैश्विक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग  ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दी है।

बता दें कि भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव जून 2023 में होने थे, लेकिन पहले पहलवानों के प्रदर्शन और फिर अलग-अलग राज्य के कुश्ती संघों की याचिका के चलते अलग-अलग हाईकोर्ट चुनाव पर रोक लगाते रहे हैं और चुनाव में देरी होती गई। भारतीय कुश्ती संघ में 15 पदों के लिए चुनाव 12 अगस्त को होने वाले थे। उत्तर प्रदेश से भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह सहित चार उम्मीदवारों ने इस पद के लिए नामांकन दाखिल किया था। चंडीगढ़ कुश्ती संस्था के दर्शन लाल को महासचिव पद के लिए नामांकित किया गया था, जबकि उत्तराखंड के एसपी देसवाल को बृज भूषण शिविर से कोषाध्यक्ष के लिए नामांकित किया गया था। चुनाव में महाराष्ट्र और त्रिपुरा में चुनावों में कोई प्रतिनिधि नहीं होगा, क्योंकि रिटर्निंग ऑफिसर ने दोनों गुटों के दावों को "अयोग्य" माना।

भारतीय कुश्ती संघ को इससे पहले जनवरी में और फिर मई में निलंबित कर दिया गया था। इस समय भारत के शीर्ष पहलवानों ने तत्कालीन अध्यक्ष बृज भूषण पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही पहलवानों ने कुश्ती संघ की कार्यप्रणाली का विरोध किया था। भारतीय कुश्ती संघ के दैनिक मामलों का प्रबंधन वर्तमान में भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा गठित भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता वाली तदर्थ समिति द्वारा किया जा रहा है।


 


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