
नर्गेस मोहम्मदी को मिला शांति पुरस्काइर
Nobel Prize 2023: जेल में बंद नर्गेस मोहम्मदी को मिला नोबेल शांति पुरस्कार, 13 बार जा चुकी हैं जेल, जानिए क्या है पूरा मामला
Nobel Prize 2023: ईरान में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज को बुलंद करने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता नर्गेस मोहम्मदी इस साल का शांति का नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है। नर्गेस मोहम्मदी को ये अवार्ड महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई लड़ने और आवाज उठाने के लिए दिया गया है।
बता दे कि 2018 में, इंजीनियर मोहम्मदी को 2018 आंद्रेई सखारोव पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। 2022 में, मोहम्मदी पर पांच मिनट में मुकदमा चलाया गया और आठ साल जेल और 70 कोड़े की सजा सुनाई गई थी।
गौरतबल है कि जेल में बंद ईरानी महिला कार्यकर्ता नर्गेस मोहम्मदी को शांति का नोबेल पुरस्कार दिए जाने का ऐलान किया गया है। 2003 में मानवाधिकार कार्यकर्ता शिरीन एबादी के पुरस्कार जीतने के बाद वह नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली 19वीं महिला और दूसरी ईरानी महिला बन गई हैं।
नर्गेस मोहम्मदी उस बहादुर महिला का नाम है, जिसे ईरान की सरकार ने 13 बार अरेस्ट किया, लेकिन उनके बुलंद हौसलों में कमी नहीं आई। इतना ही नहीं, नर्गेस मोहम्मदी को जब यह सर्वोच्च पुरस्कािर दिया गया, उस वक्त भी वह जेल में बंद हैं। नोबेल पुरस्कार समिति के अनुसार नर्गेस मोहम्मदी को अपने संघर्ष को जबरदस्त कीमत चुकानी पड़ी है।
एक बार 2019 में हिंसक विरोध प्रदर्शन की एक पीड़िता के स्मारक में शामिल होने के बाद अधिकारियों ने नवंबर में मोहम्मदी को गिरफ्तार कर लिया है। मोहम्मदी का कारावास, कठोर सज़ाओं और अपने मामले की समीक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय कॉलों का एक लंबा इतिहास है। जेल जाने से पहले, मोहम्मदी ईरान में प्रतिबंधित मानवाधिकार केंद्र के रक्षकों की नायब सद्र रही हैं। मोहम्मदी ईरानी नोबेल शांति पुरस्कार विजेता शिरीन एबादी के करीबी रहीं हैं। 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के विवादित चुनाव के बाद एबादी ने ईरान छोड़ दिया था।
क्यों नर्गेस मोहम्मदी सलाखों के पीछे?
गौरतलब है कि 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत पर हाल ही में ईरान में देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन के लिए मोहम्मदी सलाखों के पीछे हैं। महसा अमिनी की ईरान की नैतिकता पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद मौत हो गई थी। इस घटना ने ईरान में 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से सबसे बड़ा आंदोलन बन गया था। विरोध-प्रदर्शनों को दबाने के लिए सरकार द्वारा किए गए बल प्रयोग में 500 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 22,000 से अधिक अन्य को गिरफ्तार किया गया था।
नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता का चयन
बता दे कि प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता का चयन नॉर्वे में विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा 350 से ज्यादा नामांकनों की सूची में से किया जाता है। पिछले साल का पुरस्कार यूक्रेन, बेलारूस और रूस के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने जीता था। अन्य पिछले विजेताओं में नेल्सन मंडेला, बराक ओबामा, मिखाइल गोर्बाचेव, आंग सान सू की और संयुक्त राष्ट्र शामिल हैं।
नोबेल पुरस्कार में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का नकद पुरस्कार दिया जाता है। दिसंबर में पुरस्कार समारोह में विजेताओं को 18 कैरेट का स्वर्ण पदक और एक प्रमाणपत्र भी मिलता है। इस तरह नोबेल शांति पुरस्कार का चयन होता है।
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