
Manipur का दौरा कर सकते हैं PM Modi, जानें क्या बोले जयराम रमेश?
Lucknow Desk: मणिपुर में जातीय हिंसा भड़काने के दो साल से ज़्यादा का समय हो गया है। राज्य में अभी भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इसी बीच जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी 12 और 13 सितंबर को मणिपुर का दौरा कर सकते हैं। ऐसे में हिंसा प्रभावित राज्य के लोगों को उम्मीद है कि पीएम के इस दौरे से संघर्षग्रस्त क्षेत्र में शांति जरूर आएगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी इम्फाल के कांगला और चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड में कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं। राज्य के विभिन्न राहत शिविरों में रह रहे आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों से भी मिल सकते है।
मणिपुर में फरवरी से राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है, जिसके बाद से वहां की स्थिति सामान्य है। हालांकि, हिंसा भड़कने के दो साल से भी अधिक समय बाद भी राज्य जातीय रूप से विभाजित बना हुआ है।
मणिपुर में मई 2023 में राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से पीएम मोदी की ये यात्रा पहली होगी। वहीं मणिपुर के नागरिक समाज संगठन और विपक्षी दल संघर्षग्रस्त राज्य में मोदी के दौरे की मांग कर रहे थे। वहीं, कांग्रेस ने राज्य में भारी तबाही के बावजूद मणिपुर का दौरा न करने के लिए मोदी की कड़ी आलोचना की।
जयराम रमेश ने BJP पर किया कटाक्ष
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री आखिरकार 13 सितंबर को मणिपुर का संक्षिप्त दौरा करने का साहस और सहानुभूति जुटा पाएंगे। लेकिन यह बहुत कम, बहुत देर का मामला हो सकता है।
जयराम रमेश ने लिखा, मणिपुर में 3 मई, 2023 को उथल-पुथल मची, जब राज्य में तथाकथित डबल इंजन सरकार थी। बीजेपी और उसके सहयोगियों को पंद्रह महीने पहले ही विधानसभा चुनावों में भारी जनादेश मिला था। लेकिन इस जनादेश के बावजूद, तथाकथित डबल इंजन सरकार अपनी ही चालों के कारण पूरी तरह से पटरी से उतर गई। सैकड़ों लोग मारे गए। हज़ारों लोग विस्थापित हुए। हज़ारों लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। सामाजिक सद्भाव पूरी तरह से नष्ट हो गया है। भय और संदेह का माहौल है। फिर भी प्रधानमंत्री चुप रहे। 1 अगस्त, 2023 को, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य में संवैधानिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। फिर भी प्रधानमंत्री चुप रहे।
कांग्रेस महासचिव ने आगे लिखा, राज्य एक संकट से दूसरे संकट में फंसता रहा। एक आदिवासी महिला राज्यपाल को पद से हटा दिया गया और लगभग छह महीने तक नई राज्यपाल गुवाहाटी से ही काम करती रहीं। दिल्ली में बैठे उनके संरक्षकों ने मुख्यमंत्री को अपनी चालें चलने के लिए प्रोत्साहित किया। आखिरकार, जब विधानसभा में मुख्यमंत्री के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव पेश होना था, 13 फरवरी, 2025 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। जिसे पिछले महीने बढ़ा दिया गया। हालांकि, राष्ट्रपति शासन ने लोगों के दैनिक जीवन में कोई खास बदलाव नहीं किया है।