Lucknow Desk : भाजपा विधायक बाल मुकुंद आचार्य आज फिर चर्चाओं में आ गए हैं । इस बार वजह बिल्कुल अलग हैं..बता दें की गुरुवार 15 मई को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अगुवाई में निकाली गई तिरंगा यात्रा में विधायक बाल मुकुंद आचार्य भी शामिल हुए। धूप निकली हुई थी। तिरंगा यात्रा में शामिल हुए लोगों को पसीने आ रहा था। विधायक बाल मुकुंद आचार्य को भी पसीना आया तो उन्होनें हाथ में पकडे़ तिरंगे से पसीना पोंछ लिया।
बस, उनके पसीना पोंछने के तुरंत बाद ही वे विवादों में आ गए और जैसे इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो कांग्रेस ने इसे तिरंगे का अपमान बताते हुए माफी मांगने की मांग कर डाली । वहीं फिर देर शाम को विधायक ने सफाई देते हुए बयान जारी किया कि वे तिरंगे के अपमान के बारे में कभी सोच भी नहीं सकते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है। ऐसे में झूठे आरोप लगाती रहती है। तिरंगे का अपमान तो कांग्रेस दशकों से करती आई है।
वायरल वीडियो को शेयर करते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक्स पर लिखा, तिरंगा देश की शान है, कोई रूमाल नहीं। जिस तिरंगे के लिए हमारे जवान शहीद हो जाते हैं, उसी से बीजेपी विधायक पसीना पोंछते हैं। यह केवल दोहरा चरित्र नहीं, बल्कि संविधान और शहीदों के सम्मान का अपमान है। जूली ने बालमुकुंद आचार्य से माफी मांगने की मांग की है और इसे देशभक्ति पर सवाल बताया।
विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कांग्रेस पर राजनीति करने और वीडियो को एडिट कर पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा तिरंगा वह होता है जिसमें अशोक चक्र होता है। भीड़ में चलते समय किसी ने मुझे हरे-सफेद रंग का एक कपड़ा थमा दिया, जिसे मैंने सम्मान स्वरूप चूमा और सीने से लगाया। उसके बाद किसी अन्य कपड़े से मैंने पसीना पोंछा। कांग्रेस इस वीडियो को तोड़-मरोड़ कर झूठ फैला रही है।
राजस्थान कांग्रेस की नेता दिव्या मदेरणा ने बालमुकुंद आचार्य पर निशाना साधते हुए कहा, "जयपुर की हवा महल सीट से BJP विधायक बालमुकुंद आचार्य के द्वारा तिरंगे का इस तरह से अपमान करना बेहद शर्मनाक और निंदनीय है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तिरंगे के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया, जिस झंडे को देखकर हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा होता है उसे वह अपने मुंह पोंछने के लिए इस्तेमाल कर रहे है. क्या सत्ता में होना देश के गौरव से खिलवाड़ की छूट देता है? ये सिर्फ राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान नहीं, बल्कि पूरे देश की भावनाओं का अपमान है। इस अमर्यादित कृत्य पर BJP तुरंत माफ़ी मांगे और ऐसे विधायक पर कठोर कार्रवाई करे. तिरंगा सिर्फ एक झंडा नहीं, हमारी आत्मा है। उसका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।