Lucknow Desk: उत्तर प्रदेश सरकार ने लोमड़ी और सियार के हमले को राज्य आपदा घोषित कर दिया है। अब इनके हमले से मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को सरकार 4 लाख रूपये का मुआवजा देगी। यह निर्णय राज्य आपदा राहत नीति के तहत लिया गया है।
फिलहाल, मधुमक्खियों व इमारत गिरने से होने वाली जनहानि यानी मृत्यु को राज्य आपदा की श्रेणी में नहीं रखा गया है। शासन ने सुझाव दिया है कि पहले वन विभाग से यह जान लिया जाए कि मधुमक्खियां वन्य जीव में आती हैं या नहीं। इसके बाद इस पर विचार किया जाएगा।
बता दें, राज्य में पहले से ही मगरमच्छ, हाथी, गैंडा, बाघ, शेर, तेंदुआ, भेड़िया, लकड़बग्घा और जंगली सुअर जैसे 9 वन्यजीवों के हमले से होने वाली जनहानि यानी मृत्यु पर सरकार की तरफ से 4 लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान है। इन सभी जानवरों को ‘मानव-वन्यजीव संघर्ष’ की श्रेणी-1 में रखा गया है। वहीं, अब लोमड़ी और सियार को श्रेणी-2 में रखा गया है।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित राज्य कार्यकारी समिति ने पिछले माह लोमड़ी, सियार व मधुमक्खी के हमले से होने वाली मौत को राज्य आपदा में शामिल करने सिफारिश की गई थी। हालांकि, मधुमक्खियों के हमले और इमारत गिरने से होने वाली जनहानि को राज्य आपदा की श्रेणी में नहीं रखा गया।
उत्तर प्रदेश सरकार पहले से कई ऐसी आपदाएं या दुर्घटनाएं हैं जिन्हें राज्य आपदा घोषित किया है। इनमें बेमौसम बारिश, आंधी, तूफान, अतिवृष्टि, बिजली गिरना, लू, सर्पदंश, सीवर सफाई के दौरान हादसा, नाव दुर्घटना, बोरवेल में गिरना, कुएं में गिरना, गैस रिसाव, नदी, झील, नाला, गड्ढा, तालाब, पोखर, नहर, जल प्रपात में डूबकर होने वाली मृत्यु और सांड या नीलगाय के हमले शामिल हैं। हालांकि, इस तरह की मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि होना आवश्यक है। पोस्टमार्टम के बिना मुआवजे के लिए आवेदन स्वीकार नहीं किया जाता है।
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