इटावा के दांदरपुर गांव के बॉर्डर पर गुरुवार, 26 जून को जमकर बवाल हुआ जहां पर पुलिसवालों पर पत्थरबाजी हुई और गाड़ियां तोड़ी गईंऔर हालात ऐसे हो गए कि पुलिस को हवाई फायरिंग तक करनी पड़ी। जहां पर इस पूरे घटनाक्रम में जिस एक शख्स का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में आया वो गगन यादव हैं। पर अब सवाल उठता है कि आखिर कौन हैं यह गगन यादव और क्यों इटावां में यादव कथावाचकों के साथ हुए विवाद के बाद से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सबसे ज्यादा चर्चा उन्हीं के नाम की है? और आखिर किस पार्टी से हैं गगन यादव बीजेपी या फिर सपा जी हां क्योंकि दांदरपुर में हुई घटना के बाद जहां लोग गगन को समाजवादी बता रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी बीजेपी नेताओं के साथ उनकी फोटो साझा करते हुए उसे बीजेपी का एजेंट बता रही है। तो दूसरी तरफ बीजेपी उसे सपाई और अखिलेश का खास का बता रही है। तो आखिर सच्चाई क्या है बीजेपी या सपा किसके हैं गगन यादव तो आपको बता दें कि अब इन सारे सवालों से खुद गगन यादव ने ही पर्दा उठा दिया है। जी हां उन्होंने एक इंटरव्यू में सारी सच्चाई बयां कर दी है। तो क्या है पूरी सच्चाई वो बताने से पहले आपको बता दें कि दरअसल गगन यादव खुद को युवा नेता बताते हैं। इसके साथ ही वह इंडियन रिफॉर्मर्स ऑर्गनाइजेशन' नामक संस्था का फाउंडर और प्रेसिडेंट है। बता दें कि ये वही संस्था है जो भारतीय सेना में 'अहीर रेजिमेंट' की मांग करती है। इसीलिए इस संस्था को 'अहीर रेजिमेंट' के नाम से भी बुलाया जाता है। बताते चलें कि गगन खुद को समाजवादी विचारधारा का भी बताते हैं।
तो ये तो हुआ गगन यादव का परिचय पर अब उनके इंटरव्यू कि बात करें तो उन्होंने इसमें ज्यादातर तो इस मामले से पल्ला झाड़ने का काम किया है। पर अपने और अखिलेश यादव के रिश्ते को जरूर उजागर कर दिया है। तो आइए सबसे पहले आपको उनका बयान सुना देते हैं कि आखिर क्या बोले गगन यादव?
क्या बोले गगन यादव?
उन्होंने कहा कि 2022 के चुनाव के बाद मैं अहीर रेजिमेंट की मांग के लिए मोटर बाइक मिशन कर रहा था जहां पर मोटरसाइकल के जरिए मैं इस मिशन के तहत हर प्रदेश में लोगों को जोड़ने का काम कर रहे था. तो जब हम जा रहे थे तभी भैया (अखिलेश यादव) ने कहा, "ऐ सुनो आराम से जाना, ठीक है...और बोले आओ लखनऊ. जो कि उन्होंने मेरे संघर्ष को देखते हुए कहा. जो कि मेरे लिए एक बहुत बड़ा पल था। तो ये था गगन यादव का बयान जहां पर उन्होंने अपने और अखिलेश यादव के रिश्ते को बताया पर वो यहीं नहीं रुके आगे जब उनसे ये पूछा गया कि आप किस पार्टी के हैं क्योंकि सपा आपक बीजेपी का एंजेट बता रही है। वहीं बीजेपी आपको सपा का खास आदमी तो यहां पर इस सवाल से गगन यादव नें पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमारी खुद की पार्टी है जिसका नाम इंडियन रिफॉर्मर्स ऑर्गनाइजेशन है और जहां तक बात रही दोनों पार्टीयों कि तो मुझे लगता है कि यहां पर बीजेपी और सपा दोनों कि ही गलती नहीं है। दोनों पर ही बहुत दबाव है इस समय क्योंकि एक तरफ अखिलेश यादव जैसे इतने बड़े नेता हैं। तो दूसरी तरफ बीजेपी जो सत्ता में है। तो दबाव तो होगा ही और मैं ये भी कहुंगा कि गगन यादव भी गलत नहीं हैं समय की परिस्थियों के चलते बस ये सभी चीजें हुई हैं।
तो ये रहा साफ तौर गगन यादव का पूरा बयान जहां पर उन्होंने बीजेपी या सपा कि तरफ होने से किनारा कर लिया। हालांकि अखिलेश यादव से हुई अपनी मुलाकात के बारें में जरूर बताया। तो क्या मुलाकात पर जो बयान दिया गगन यादव ने वो इस बात का इशारा कर रहा है कि वो सपा के ही हैं क्योकि इससे पहले गगन खुद कई बार बता चुके हैं। कि वो समाजवादी विचारधारा के हैं। खैर अंत में आपको बताते चलें कि इस पूरे मामले की शुरुवात गगन यादव के एक पोस्टर से हुई थी। जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लोगों से यादव कथावाचकों के सम्मान में इटावा चलने के लिए प्रेरित किया था। जिसके बाद भीड़ ने वहां पहुंचकर उग्रवाद किया था। हालांकि गगन यादव खुद वहां नहीं पहुंच पाए थे। ये रहा वो पोस्टर देख सकते हैं आप जिसमें लिखा था कि संत सिंह यादव के सम्मान में, आ रहे हैं मैदान में... तारीख 26 जून, 2025. दिन- गुरुवार. समय- 11 बजे. थाना बकेवर और जिला इटावा।