Lucknow Desk : इन दिनों भाषा को लेकर विवाद चल रहा है। ये विवाद महाराष्ट्र में चल रहा है। लेकिन अब ये विवाद असम में भी शुरु हो गया हैं। बता दे कि भाषा को लेकर हर तरफ एक अलग ही माहौल बना हुआ हैं। इस बीच अब बीजेपी के नेता बृजभूषण शरण सिंह ने भाषा विवाद को लेकर राज ठाकरे को सीधी चुनौती दी है। बीजेपी नेता ने कहा,भाषा जोड़ने का काम करती है, तोड़ने का काम नहीं करती है। इसके साथ ही एक अल्पसंख्यक छात्र नेता द्वारा असम में जनगणना के दौरान मुस्लिमों से असमिया की जगह पर बंगाली भाषा को अपनी मातृ भाषा लिखने की अपील की गई। छात्र नेता की इस अपील के बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चेतावनी दी है। सीएम ने असमिया भाषा को असम की स्थायी राज भाषा बताते हुए कहा कि किसी को भी भाषा का इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग के औजार के रूप में नहीं करना चाहिए। वहीं बीजेपी नेता ने भाषा विवाद को लेकर छिड़ी बहस के बीच राज ठाकरे को सीधी चुनौती देते हुए कहा, राज ठाकरे को बताना चाहता हूं कि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश का या उत्तर भारतीयों का जो संबंध है, वो आपकी इस हरकत से टूटने वाला नहीं है। आपको पढ़ना चाहिए , आप शायद पढ़ते-लिखते नहीं है। छत्रपति शिवाजी महाराज को जब औरंगजेब ने बंदी बनाया था। हमारे आगरा के व्यापारियों ने उन्हें कैद से मुक्त कराने का काम किया था। मैं राज ठाकरे से यह ही कहना चाहता हूं कि थोड़ा पढ़ा करो। आज जिस बात को तुम गर्व करते हो, उस गर्व के इतिहास में उत्तर भारतीयों का पसीना लगा है। आज आप बहुत हल्की राजनीति कर रहे हो। जब इनका अयोध्या आने का प्रोग्राम बना था, तो मैंने कहा था कि मैं नहीं घुसने दूंगा , लेकिन आप नहीं आए, लेकिन फिर इन्होंने अपना रंग दिखाया. मैं इनको कहता हूं कि इनको सद्बुद्धि आ जाए, उत्तर भारतीयों में बड़ा रोष है। उन्होंने आगे कहा, अगर कोई बड़ा आदमी आह्वान कर दे तो राज ठाकरे साहब आप झेल नहीं पाओगे। उत्तर भारत के नौजवान इतने आक्रोश में है कि अगर किसी ने आह्वान कर दिया कि चलो राज ठाकरे से भेंट करें, तो आप झेल नहीं पाओगे. इसीलिए मैं कहता हूं कि राजनीति करो लेकिन भाषा, संप्रदाय, जाति और धर्म को आधार बनाकर राजनीति मत करो।