Lucknow Desk: Bihar विधानसभा चुनाव नजदीक है। चुनाव से चुनाव आयोग की ओर से चलाए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के तहत करीब 35.5 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस कार्रवाई से राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है। वहीं विपक्ष ने इस कार्रवाई को चुनावी गणित से छेड़छाड़ बताया है।
बता दें, यह मामला Supreme Court में चल रहा है। Supreme Court ने चुनाव आयोग के इस फैसले को सही बताया है। सुनवाई में भी बेंच ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली और मंशा पर सवाल उठाते हुए जवाब मांगा है।
अभी तक चुनाव आयोग ने जो जानकारी दी उसमें अब तक 6.6 करोड़ मतदाता (88.18% कुल मतदाता) ने पुनरीक्षण फॉर्म जमा किया है। अंतिम तिथि 25 जुलाई है, इसके बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित की जाएगी।
चुनाव आयोग के अनुसार, फील्ड वेरिफिकेशन में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम भी वोटर लिस्ट में पाए गए हैं। ऐसे नामों को सत्यापन के बाद हटाया जाएगा।
वहीं RJD नेता Tejashwi Yadav ने चेतावनी दी है कि अगर हर सीट से 1% वोटर हटे तो भी 3200 नाम प्रति विधानसभा प्रभावित होंगे। अब जब यह संख्या 5% से ऊपर जा चुकी है तो चिंता और गहरा गई है।
इस मुद्दे पर अगली सुनवाई 28 जुलाई को
Supreme Court में इस मुद्दे पर सुनवाई जारी है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव आयोग को कहा था कि आधार, राशन कार्ड और वोटर आईडी जैसे दस्तावेजों के आधार पर सत्यापन किया जाए। अगली सुनवाई 28 जुलाई को होनी है।
चुनाव से पहले नई सियासी हलचल
Bihar में यह रिवीजन प्रक्रिया अब चुनावी निष्पक्षता और राजनीतिक संतुलन पर बड़ा सवाल बन चुकी है। एक तरफ चुनाव आयोग साफ-सुथरी वोटर लिस्ट की बात कर रहा है, वहीं विपक्ष इसे सुनियोजित तरीके से वोट कटवाने की साजिश बता रहा है।