
Mayawati : क्या मायवाती को जान का खतरा ? चुपचाप खाली किया दिल्ली आवास !
Lucknow Desk : मायावती का बंगला बदलना यानी खाली करना एक बड़ा मुद्दा बन गया है। सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर हलचल मच हुई है कि मायावती ने बंगाल क्यों खाली किया ? लोग इस बारे में अलग-अलग बातें कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने सुरक्षा कारणों से बंगला बदला है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि ये BSP की कमजोर होती स्थिति का संकेत है । बता दें की बसपा प्रमुख मायावती ने दिल्ली के 35-लोधी स्टेट बंगले को खाली कर दिया है । यह बंगला मायावती को उनकी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर आवंटित किया गया था, लेकिन अब यह सरकारी आवास खाली हो चुका है। इस अचानक हुए फैसले ने सियासी गलियारों में कई कयासों को जन्म दे दिया है।
बताया जा रहा है कि मायावती ने 20 मई को बंगला खाली कर दिया था । बंगले के पास स्कूल होने के कारण सुरक्षा में दिक्कतें आ रही थीं । करीब 10 साल पहले भी मायावती ने अपनी सुरक्षा को खतरा बताया था, तब उनके लुटियंस दिल्ली स्थित बंगले के सामने से एक बस स्टॉप हटवा दिया गया था। अब BSP ने उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और मायावती ने चुपचाप अपना 35, लोधी एस्टेट वाला बंगला खाली कर दिया। मायावती लगभग एक साल पहले ही इस बंगले में आई थीं। यह बंगला उन्हें एक राष्ट्रीय पार्टी की अध्यक्ष होने के नाते मिला था। उन्होंने 20 मई को बंगला छोड़ दिया और चाबियां CPWD (सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट) को सौंप दी हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 35, लोधी एस्टेट, BSP प्रमुख के लिए एकदम सही जगह थी, क्योंकि उन्हें Z-प्लस सुरक्षा मिली हुई थी। ये बंगला पार्टी के केंद्रीय कार्यालय, 29, लोधी एस्टेट के ठीक पीछे वाली लेन में स्थित था। पार्टी कार्यालय का पिछला गेट 35, लोधी एस्टेट की ओर खुलता था। पिछले साल दोनों बंगलों का एक जैसा नवीनीकरण किया गया था। मायावती के घर बदलने के फैसले पर BSP के वरिष्ठ पदाधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
वहीं BSP के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कहा कि मायावती का यह फैसला "सुरक्षा कारणों" से लिया गया है। उसी सड़क पर आवास से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर एक स्कूल है। स्कूल वैन अक्सर 35, लोधी एस्टेट के सामने सड़क पर खड़ी रहती हैं, जो माता-पिता अपने बच्चों को छोड़ने और लेने आते हैं, वे भी उसी सड़क पर गाड़ियां खड़ी करते हैं। चूंकि, बहनजी की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों की गाड़ियां भी उसी इलाके में खड़ी होती हैं, इसलिए उन्हें और स्कूली बच्चों दोनों को असुविधा होती है।
बता दें की विद्या भवन महाविद्यालय स्कूल मैक्स मुलर मार्ग पर स्थित है, लेकिन उसका एक गेट 35, लोधी एस्टेट वाली सड़क पर भी खुलता है। BSP नेता ने बताया कि मायावती को Z+ सुरक्षा मिली हुई है, जब भी वह अपने घर पर होती थीं, सुरक्षाकर्मियों को बम निरोधक दस्ते के साथ इलाके की जांच करनी पड़ती थी, जिससे स्कूल और वहां आने वाले लोगों को परेशानी होती थी।
दिल्ली पुलिस सूत्रों ने कहा कि उन्हें मायावती के घर के बाहर किसी सुरक्षा समस्या के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन उन्हें Z-प्लस सुरक्षा देने वाली यूनिट को उनके दूसरे घर में शिफ्ट होने की जानकारी दे दी गई है। उन्हें अभी भी सुरक्षा दी जा रही है। मायावती को टाइप-VII 35, लोधी एस्टेट बंगला, सरकार द्वारा दिए जाने वाले आवास का दूसरा सबसे बड़ा प्रकार है। यह राष्ट्रीय पार्टियों के अध्यक्षों के लिए संपत्ति निदेशालय की जुलाई 2014 की नीति के अनुसार आवंटित किया गया था। 3 अप्रैल को लोकसभा में एक जवाब में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा कि उन्हें यह बंगला 15 फरवरी 2024 को सौंपा गया था।
वहीं मायावती का यह कदम उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म कर रहा है। क्या यह निर्णय पार्टी की आंतरिक रणनीति का हिस्सा है? क्या 2024 के चुनावों के नतीजों से मायावती ने खुद को किसी नए रास्ते पर ले जाने का मन बना लिया है? बीते कुछ समय में बसपा के राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे को लेकर सवाल उठने लगे हैं। लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन और राज्यसभा सीटों की कमी ने पार्टी के अस्तित्व पर सवाल खड़े किए हैं। क्या मायावती ने इस बंगले की खाली करने की प्रक्रिया को एक संकेत के तौर पर देखा है कि पार्टी को नए सिरे से अपनी रणनीति और दिशा तय करने की जरूरत है? इस कदम से यह तो साफ है कि मायावती अब कुछ बड़ा कदम उठाने की सोच रही हैं। क्या यह केवल एक चुनावी रणनीति का हिस्सा है, या फिर वे अपने राजनीतिक सफर में एक नए मोड़ पर कदम रख रही हैं? सिर्फ वक्त ही बताएगा कि उनका यह कदम पार्टी और देश की राजनीति में कितनी दूर तक असर डालने वाला साबित होगा।