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RCB vs RR Highlights

RCB vs RR Highlights: RCB को मिली एक और जीत अब टॉप 2 पर होंगी निगाहें! RR टुर्नामेंट से बाहर!

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर की टीम 2008 से अब तक ई साला कप नमदे का सपना लेकर आ रही है। पर अब तक वो अधूरा है पर इस बार इस सपने के सच होने के सारे आसार नजर आ रहे हैं। टीम ने 9 मैचों में छठी जीत दर्ज कर ली है। इसके साथ ही टीम 12 प्वाइंटस के साथ अंकतालिका में चौथे से तीसरे स्थान पर पहुंच गई है। RCB से ऊपर सिर्फ DC  और GT  हैं। जिनके बैंगलौर के समान ही 12-12  अंक हैं। पर बेहतर नेट रनरेट के चलते दोनों टीमें पहले और दूसरे स्थान पर हैं। RCB  की इस जीत के साथ ही अब उनकी निगाहें तीसरे से दूसरे स्थान पर जाने की होंगी। जिससे की उन्हें प्लेऑफ्स में दो मौके मिल सके। तो वहीं राजस्थान 9 मैचों में 7वीं हार के साथ अब अपने अगले सभी मैच जीतकर महज 14 प्वाइंट्स तक पहुंच सकती है। जिसका मतलब है कि वह लगभग अब टुर्नामेंट से बाहर हो चुके हैं।

फिर जीता मैच हारी राजस्थान रॉयल्स!

इस साल जिस एक टीम ने सबसे ज्यादा आखिरी के ओवरों में चोक किया है। उसमें राजस्थान रॉयल्स का नाम सबसे ऊपर आता है। टीम पिछले तीन मुकाबलों हर बार जीत की दहलीज पर खड़ी थी। पर तीनों ही मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा। यहां पर भी ऐसा ही होता है RR को 2 ओवरों में सिर्फ 18 रन बनाने होते हैं। सेट बल्लेबाज ध्रुव जुरेल और उनके साथ शुभम दूबे क्रीज पर होते हैं। पर 19वें ओवर में जोश हेजलवुड दो विकेट लेकर सिर्फ एक रन देते हैं। फिर आखिरी ओवर में 17 रन बनाने होते जो पुछल्ले बल्लेबजो के लिए लगभग नामुमकिन होते है और टीम 11 रन से मैच गंवा देती है।

पर अब इसकी शुरुवात पर नजर डालें तो वैसे तो यह राजस्थान रॉयल्स की लगातार पांचवी हार है। पर पिछले तीन मुकाबले तो उनके लिए किसी खराब सपने की तरह रहे हैं। जिसकी शुरुवात दिल्ली के खिलाफ मैच में होती है। जहां आखिरी ओवर में टीम को महज 9 रनों की दरकार होती है और क्रीज पर शिमरन हिटमेयर और ध्रुव जुरेल जैसे बल्लेबाज होते हैं। पर बवजूद इसके RR की टीम 8 रन ही बना पाती है और सुपरओवर में मुकाबला हार जाती है। तो लखनऊ के खिलाफ पिछले मैच में भी यही होता है। आखिरी ओवर में जीत के लिए 9 रनों की दरकार होती है। पर आवेश खान ध्रुव जुरेल, शिमरन हेटमायर और शुभम दूबे जैसे बल्लेबाजों को महज 6 रन बनाने देते हैं। लखनऊ की टीम मुकाबले को 2 रनों से अपने नाम कर लेती है।

कैसा रहा मुकबला ?

मुकबाले पर नजर डालें तो राजस्तथान के कप्तान रियान पराग ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। बल्लेबाजी का न्योता पाकर मैदान पर आई RCB की शुरुवात अच्छी रही विराट कोहली और फिल सॉल्ट ने पहले विकेट के लिए 61 रनों  की शानदार साझेदारी की हालांकि इसके बाद फिल सॉल्ट जरूर आउट हो गए पर यहां से देवदत्त पडिकल और विराट कोहली ने मोर्चा संभालते हुए 95 रनों कि साझेदारी कर डाली। हालांकि बावजूद इसके बीच में लगातार विकेटों के गिरने के चलते टीम मुसीबत में फंसती हुई नजर आ रही थी। पर अंत में एक टिम डेविड 23 और जीतेश शर्मा के 10 गेंदो में 20 रन के चलते टीम 200 का आंकड़ा पार कर लेती है। विराट कोहली RCB के लिए सर्वाधिक 70 रन बनाते हैं वहीं देवदत्त पडिकल भी महज 27 गेंदो में एक आतिशी 50 बनाते है। जवाब में RCB द्वारा मिले 206 रनों के लक्ष्य का न्योता पाकर बैटिंग करने को आई राजस्थान ने तूफानी शुरुवात करते हुए महज 5.5 ओवर में 72 रन जोड़ दिए। हालांकि इसी बीच पांचवे ओवर में पहले वैभव सूर्यवंशी 16 रन और पावरप्ले खत्म होने से ठीक एक गेंद पहले यश्शवी जायसवाल भी अपनी 19 गेंद में 49 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेलकर आउट हो जाते हैं। पर इन दोनों के आउट हो जाने का बाद भी रनों की गति धीमे नहीं होती है। हालांकि लगातार अंतराल पर टीम विकेट गंवा रही होती है। पर फिर भी जीत की दहलीज पर पहुंच जाती है। पर आखिरी 12 गेंदो में 18 रन बनाने में टीम नाकामयाब होती है। बैंगलौर के लिए कुनाल पांड्या और हेजलवुड शानदार गेंदबाजी करते हुए क्रमश 2 और 4 विकेट नाम करते हैं।

पहले और दूसरे पायदान पर मिलता है डबल फायदा!

आइपीएल में प्लेऑफ्स में पहुंचने के बाद सभी टीमें नंबर एक या दो पर पहुंचना चाहती हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण डबल फायदा है। दरअसल पहले दो नंबर पहुंचने वाली टीम एक मैच जीत कर सीधे फाइनल में पहुंच जाती है। तो वहीं हारने के बावजूद दूसरा मौका भी होता है। जिसमें वह जीत कर फाइनल तक पहुंच सकती है।

नंबर 3 और 4 पर नुकसान ?

तो वहीं अब अगर बात करें नंबर तीन और चार कि तो जितना पहले और दूसरे पायदान की टीमों को फायदा मिलता है, उतना ही 3 और 4 नंबर की टीमों को नुकसान उठाना पड़ता है। बता दें की 3 और 4 पर पहुंचने पर आप को एक मुकाबला तो जीतना ही होता है। आगे जाने के लिए पर सिर्फ एक मैच जीत कर टीम फाइनल में नहीं पहुंच सकती है। उसे दूसरे क्वालीफायर को भी जीतना जरूरी होता है। तब टीम फाइनल में पहुंच सकती है। वहीं किसी एक मैच में भी हार टीम का सफर वहीं खत्म कर देती है।


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