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Bijali Bill In UP

UP में बिजली उपभोक्ताओं को झटका, 25% तक बढ़ सकते हैं बिजली के दाम

Lucknow Desk: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर बिजली उपभोक्ताओं को झटका लग सकता है। प्रदेश के विद्युत वितरण निगमों के द्वारा विद्युत नियामक आयोग ने गुरुवार को वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) प्रस्ताव दाखिल किया गया है। जिसमें 11 से 12 हजार करोड़ का घाटा बताया गया है। जानकारी के लिए बता दे कि प्रस्ताव को यदि आयोग के द्वारा स्वीकार कर लिया गया तो उपभोक्ताओं के लिए बिजली 15 से 30 फीसदी तक महंगी हो सकती है।

मिली जानकारी के अनुसार, नया टैरिफ प्लान को तैयार करने से पहले वार्षिक राजस्व आवश्यकता ( एआरआर) प्रस्ताव को विद्युत वितरण निगम दाखिल करते हैं। उसी अनुसार बढ़ोतरी का प्रस्ताव पेश किया जाता है। गुरुवार को शाम के समय नियामक आयोग में दाखिल किए गए एआरआर में 11 से 12 हजार करोड़ के बीच घाटा हुआ। जिसमें आरडीएसएस योजना में दाखिल किए गए 13.06 फीसदी लाइन हानियों के आधार पर दर्ज किया गया जिसमें बिजली की एक लाख पैंतालीस हजार मिलियन यूनिट आवश्यकता बताकर उसकी कुल लागत करीब 80,000 करोड़ से लेकर 85,000 करोड़ के बीच होने का अंदाजा लगाया गया है। पहले साल 2023-24 में करीब 92,547 करोड़ का वार्षिक राज्य आवश्यकता पेश किया गया और दर 15 से 25 फीसदी होने का अंदाजा लगाया गया था।

अभी तक 33,122 करोड़ रुपये बकाया

बता दे कि इस बार एआरआर दाखिल करते वक्त बढ़ोतरी की जिम्मा नियामक आयोग को दिया गया है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष है अवधेश कुमार वर्मा जिन्होंने जानकारी दी है कि यूपी में विद्युत निगमों पर उपभोक्ताओं का लगभग 33,122 करोड़ बकाया चल रहा है।

क्या है रीवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम

बत दे कि एआरआर दाखिल करने के लिए बिजली कंपनियों के पास गुरुवार ही अंतिम दिन था। बिजली कंपनियों ने शाम के समय पांच बजे के बाद अपना एआरआर दाखिल किया, इस प्रस्ताव में 11,000 से 12,000 करोड़ रुपये का गैप दिखा। रीवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के अंतर्गत 13.06% लाइन लॉस दिखाया गया है और इस प्रस्ताव को दाखिल किया गया।

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