
Sanatana Dharma : बढ़ सकती है उदयनिधि स्टालिन की मुश्किलें , एक और शिकायत दर्ज
Lucknow Desk : सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे। अभी कुछ दिन पहले तमिलनाडु के मंत्री और द्रमुक के नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर एक बयान दिया था। जिसके बाद राजनीति तेज हो गई। आरोप - प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। बता दें की यूपी में उनके खिलाफ एक शिकायत दर्ज होने के बाद अब महाराष्ट्र के ठाणे में भी उनके खिलाफ शिकायत की गई है।
इन धाराओं में केस दर्ज
स्टालिन पर धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। भारतीय दंड संहिता के तहत किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक मान्यताओं का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना।
बता दें की शिकायतकर्ता ने स्टालिन पर आरोप ला गया है कि द्रमुक नेता ने सनातन धर्म का पालन करने वालों की भावनाओं को आहत किया है। गौरतलब है कि उदयनिधि स्टालिन ने बीती दो सितंबर को एक कार्यक्रम के दौरान सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी की थी और कहा कि इसकी तुलना डेंगू, मलेरिया से करते हुए कहा था कि अब इसे खत्म हो जाना चाहिए।
उदयनिधि के इस बयान ने देश के एक बड़े तबके को नाराज कर दिया। भाजपा ने उदयनिधि पर तीखा हमला बोला और साथ ही विपक्षी गठबंधन को भी निशाने पर लिया। हालांकि हंगामे के बावजूद उदयनिधि अपने बयान पर कायम हैं और कहा कि वह मुकदमों का सामना करने के लिए तैयार हैं। स्टालिन ने 2 सितंबर को चेन्नई में एक कार्यक्रम में सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिया और इसे "डेंगू, मलेरिया, बुखार और कोरोना" के बराबर बताया। मीरा रोड एफआईआर में कहा गया है कि उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म का केवल विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि उसे खत्म कर दिया जाना चाहिए।
पिछले हफ्ते उदयनिधि पर उत्तर प्रदेश के रामपुर में कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था। उदयनिधि की टिप्पणी का समर्थन करने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे का भी नाम एफआईआर में शामिल किया गया था। उन पर शत्रुता को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था।