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Varanasi

Varanasi : जनता के बीच पहुंचेंगे प्रधानमंत्री , पूर्वांचल के पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का करेंगे शिलान्यास

Lucknow Desk : आज वाराणसी के दौरे पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी रहेंगे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के शिलान्यास से पहले पीएम के मिनी रोड शो की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री के दौरे में खास बात यह है कि वे शहर में सड़क मार्ग से जाएंगे-आएंगे। पीएम गंजारी से हेलिकॉप्टर के जरिये पुलिस लाइन मैदान पहुंचेंगे। फिर पुलिस लाइन से चौकाघाट होते हुए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय पहुंचेंगे और यहां से मलदहिया होते हुए रुद्राक्ष कन्वेशन सेंटर आएंगे। वापसी में भी पीएम मोदी का काफिला रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर से चौकाघाट होते हुए बाबतपुर पहुंचेगा।

पीएम नरेंद्र मोदी आज राजातालाब के समीप गंजारी में पूर्वांचल के पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास करने के साथ ही जनसभा कर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव प्रचार का बिगुल भी फूंकेंगे। इस मौके पर पीएम मोदी काशी सहित यूपी के 16 अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण भी करेंगे। महिलाओं के साथ ही काशी सांसद खेल महोत्सव के विजेताओं से अलग-अलग संवाद करेंगे।

पीएम का मिनट टू मिनट

दोपहर 12.30 बजे- बाबतपुर हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे

दोपहर 1 बजे- जनसभा स्थल पर पहुंचेंगे

दोपहर 1.30 बजे- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखेंगे

अपराह्न 3 बजे- हेलिकॉप्टर से पुलिस लाइन मैदान में उतरेगा

3.30 बजे- संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मैदान में नारी शक्ति वंदन कार्यक्रम में पहुंचेंगे

4.15 बजे- काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव 2023 का समापन और अटल विद्यालय के लोकार्पण के लिए रुद्राक्ष पहुंचेंगे

5.50 बजे- रुद्राक्ष से एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे

6.30 बजे- पीएम दिल्ली के लिए रवाना होंगे

 नरेंद्र मोदी प्राचीन श्रीमद्भागवत गीता के दर्शन करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में दुनिया की सबसे प्राचीन श्रीमद्भागवत गीता के दर्शन करेंगे। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के सरस्वती भवन में रखी एक हजार साल पुरानी हस्तलिखित भागवत गीता संरक्षित है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए तैयारियों को अंतिम रूप दिया। शनिवार को वाराणसी आगमन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 232 साल पुराने पुस्तकालस सरस्वती भवन में भी जा सकते हैं। यहां पर एक हजार साल से भी ज्यादा पुराने 95 हजार संस्कृत ग्रंथ, पांडुलिपियों सहित करीब दो लाख पुस्तकों का संग्रह है।


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