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Lucknow News: यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में विजिटर्स को हो रहे 'रामायण दर्शन', एआई से सृजित किए गए रामायण के अद्भुत प्रसंग

Lucknow News: सनातन धर्म में मान्यता है कि भगवान हर कहीं हैं। वो सर्वत्र हैं, कण-कण में हैं तो ऐसा कैसे हो सकता है कि प्रदेश में कोई आयोजन हो और भगवान राम वहां न हों। ग्रेटर नोएडा में 25 सितंबर से 29 सितंबर तक आयोजित किए जा रहे  'यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो' के द्वितीय संस्करण (यूपीआईटीएस 2024) में भी 'विश्व की सनातन संस्कृति के प्राण' प्रभु श्रीराम और उनकी नगरी अयोध्या को सृजित किया गया है और वो भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के माध्यम से। एआई रामायण दर्शन के नाम से एक पवेलियन को यहां स्थापित किया गया है, जिसमें सभी इमेजेस को एआई की मदद से जेनरेट किया गया है। इस पवेलियन में अयोध्या को उसके पुरातन वैभव की कल्पना के अनुरूप वास्तविक छवि में प्रस्तुत किया गया है तो भगवान राम के जीवनकाल से जुड़े विभिन्न प्रसंगों को भी  भव्य तरीके से दर्शाया गया है। इस मनोरम पवेलियन में इन सभी छवियों के बीच बैकग्राउंड में बजता राम सिया राम का म्यूजिक इसकी आभा को और निखार रहा है तो वहीं यह लोगों की आस्था और आकर्षण का केंद्र भी बना हुआ है।

आध्यात्म और आधुनिकता का अद्भुत संगम

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग की तरफ से 'रामायण दर्शन' नाम के स्टॉल को स्थापित किया गया है। यह एआई जेनरेटेड रामायण है, जिसमें भगवान श्री राम के जीवन चरित्र के सभी प्रमुख प्रसंगों की झलक विजिटर्स को देखने को मिल रही है। जिन प्रसंगों को यहां पर दिखाया गया है उसमें भगवान श्रीराम द्वारा भाइयों के साथ गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण, सीता स्वयंवर, वनवास, सीता हरण, लंका दहन और रावण वध प्रमुख रूप से शामिल हैं। एआई के माध्यम से निर्मित छवियों में रामायण के सभी पात्रों में सादगी और वैभव, वास्तविकता और विरासत तथा अध्यात्म व आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि यूपीआईटीएस में हर जगह इस प्रदर्शनी की चर्चा हो रही है। यही नहीं, देशी और विदेशी विजिटर्स का यहां आना जाना लगा हुआ है। विजिटर्स का कहना है कि प्रदर्शनी को देखकर उन्हें सुकून महसूस होता है और पूरा माहौल राममय हो जाता है। लोग यहां पर आकर सेल्फी भी ले रहे हैं और संपूर्ण रामायण का साक्षात्कार कर प्रभु श्रीराम के प्रेरक प्रसंगों की छवि को खुद में आत्मसात कर रहे हैं।


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