
UP News : खुश हुईं बसपा सुप्रीमो मायावती, योगी सरकार को कहा धन्यवाद !
Lucknow Desk : कानपुर एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार सियासत की वजह से नहीं, बल्कि गौतम बुद्ध पार्क की वजह से। यहां प्रयागराज के शिवालय पार्क की तर्ज पर 12 ज्योर्तिलिंगो के स्वरूप स्थापित करने की तैयारी थी। इस प्रस्ताव को बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने रद्द किए जाने की मांग की थी। इसी के बाद अब इस प्रस्ताव को वापस ले लिया गया है। प्रस्ताव को रद्द किए जाने के योगी सरकार के फैसले का बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्वागत किया है। मायावती ने अब सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करके उत्तर प्रदेश सरकार को इस फैसले के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में सरकार इस तरह के विवादास्पद कदमों को रोकने के लिए सख्ती बरतेगी। मायावती ने एक्स प्लेटफार्म पर लिखा, कानपुर के प्रसिद्ध बुद्धा पार्क में शिवालय पार्क बनाने के विवादित प्रस्ताव को रद्द किये जाने का स्वागत और यूपी सरकार को इसके लिये धन्यवाद भी है। उम्मीद है कि सरकार आगे कहीं भी ऐसा कोई विवाद खड़ा करने के षडयंत्र को गंभीरता से लेकर इसके विरुद्ध सख्ती करेगी। जिससे समाज में शान्ति-व्यवस्था, आपसी भाईचारा एवं सद्भाव का वातावरण बिगड़ने ना पाये। वहीं इससे पहले मायावती ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करके लिखा था कि भारत के संविधान के अनुसार भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। जहाँ पर विभिन्न धर्मों एवं जातियों के लोग रहते हैं तथा हर धर्म के लोगों के अपने-अपने पूजास्थल हैं, जिसके तहत् ही कानपुर नगर में बुद्ध पार्क स्थित है जो यह बौद्ध धर्म एवं अम्बेडकर अनुयायियों के आस्था का केन्द्र है। लेकिन प्राप्त जानकारी के मुताबिक सरकार द्वारा इस बुद्ध पार्क में जो दूसरे धर्म के पूजा स्थल का निर्माण प्रस्तावित है, यह कतई भी उचित नहीं है। सरकार इसे तत्काल रोके, वरना यहाँ लोगों के बीच अशान्ति एवं घृणा फैल सकती है। इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए मायावती ने 31 अगस्त को एक्स हैंडल पर पोस्ट किया था। दरअसल ये पार्क कल्याणपुर के इंद्रानगर में बना हुआ है। पार्क पहुंचने के बाद यहां मुख्य गेट लाल पत्थरों की मदद से तैयार किया गया है। एक बोर्ड भी लगा है, जिस पर इस पार्क को कब बनाया गया, कितनी लागत थी, इसका जिक्र है। मायावती की सरकार में 8 सिंतबर, 1997 को गौतमबुद्ध पार्क का निर्माण कराया गया था. करीब 15 एकड़ जमीन पर यह पार्क फैला हुआ है। बता दें कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने एक्स पर ट्वीट कर पार्क का नाम बदलने का विरोध जताया तो चंद्रशेखर आजाद ने भी मुख्यमंत्री को लेटर लेकर इस पर आपत्ति जताई है। वहीं मामला सुर्खियों में आने के बाद कानपुर के नगर आयुक्त का कहना है कि शहर के तमाम पार्कों का सर्वे किया जा रहा है। फिलहाल अभी पार्क का नाम नहीं बदला जा रहा है।