
Kanwar Yatra 2025: महिलाएं कांवड़ यात्रा कर सकती या नहीं.... जानें !
Lucknow Desk : सावन माह का हर किसी को इंतजार रहता है। वहीं इस साल 2025 में 11 जुलाई से सावन माह की शुरूआत हो रही हैं। बता दे कांवड़ यात्रा भी शुरू हो रहे है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु कांवड़ लेकर गंगा नदी का पवित्र जल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। कांवड़ यात्रा को शिव भक्ति का सरल रूप माना जाता है। इस बीच लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या महिलाएं कांवड़ यात्रा कर सकती हैं? बता दे कि भोलेनाथ की भक्ति का हक हर किसी को है। भगवान शिव को अर्धनारीश्वर कहा गया है, उनकी भक्ति हर कोई कर सकता है। इसीलिए महिलाओं की कांवड़ यात्रा पर धार्मिक रूप से मनाही नहीं है। कई जगहों पर महिलाएं भी कांवड़ यात्रा करती हैं। अगर कोई महिला कांवड़ यात्रा करने के लिए सक्षम है तो वह कांवड़ यात्रा कर सकती है। कोई शास्त्र इस बात को नहीं कहता कि महिलाएं कांवड़ यात्रा पर नहीं जा सकती। शास्त्रों में कहीं स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा गया है कि महिलाएं कांवड़ यात्रा नहीं कर सकतीं। भगवान शिव को तो "अर्धनारीश्वर" कहा गया है, ऐसे में महिलाओं को उनकी भक्ति करने से रोकना गलत होगा। मनुस्मृति, भागवत पुराण और अन्य ग्रंथों में महिला भक्ति को कभी प्रतिबंधित नहीं किया गया है। स्त्री को भक्ति, व्रत, जप, तप, यात्रा में कोई बाधा नहीं है, यदि वह मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम हो। हालाँकि महिलाओं का कांवड़ यात्रा शास्त्रों में निषेध नहीं है, लेकिन पारंपरिक रूप से कुछ कारणों से महिलाओं की भागीदारी सीमित रही है। इसका कारण उनका मासिक धर्म के दौरान प्रतिबंधित होना, शारीरिक रूप से पोषित न होना, महिलाओं द्वारा शिवलिंग को छूने न देने की मान्यता होना इत्यादि है। हालांकि, इन सबके बावजूद वर्तमान समय में अब कई स्थानों पर महिलाएं भी कांवड़ यात्रा में भाग ले रही हैं। महिला कांवड़ दल बन रहे हैं, जिनमें सुरक्षा और सुविधा दोनों की व्यवस्था रहती है। कई जगहों पर "नारी कांवड़" या "शक्ति कांवड़" विशेष रूप से आयोजित होती है। तो, शास्त्रों के अनुसार महिलाएं कांवड़ यात्रा कर सकती हैं। जो भी रोक-टोक है, वो सामाजिक कारणों से से है। जानकारों के अनुसार, अगर महिला श्रद्धा, संयम और नियमों का पालन करते हुए इस यात्रा को करती हैं, तो यह उतना ही फलदायी और पवित्र मानी जाता है जितना किसी पुरुष के लिए।