
Rahul Gandhi Vs BJP : नेहरू मेमोरियल म्यूजियम के नाम बदलने पर राहुल गाँधी के बाद रमेश , मल्लिकार्जुन खड़गे का भी आया बयान
Lucknow Desk : राजनीति में सभी पार्टी अपनी पकड़ बनाने के लिए पूरी कोशिश करती है। किसी भी हद तक गुजर जाती है। वही अब इस बीच सबसे बड़ा मामला चर्चे में है। केंद्र सरकार ने 14 अगस्त को दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर प्रधानमंत्री मेमोरियल कर दिया। इंतज़ार था। बस राहुल गाँधी के बयान का। उनका बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं। उनका नाम नहीं। केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलकर प्रधानमंत्री म्यूजियम और लाइब्रेरी कर दिया है। 14 अगस्त से आधिकारिक तौर पर नया नाम प्रभावी हो गया है। कांग्रेस की ओर से पहले ही इस बदलाव को लेकर केंद्र की नीतियों पर निशाना साधा गया था। कांग्रेस की ओर से यह कहा गया कि कि लगातार हमले के बावजूद देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत हमेशा जिंदा रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे। 1929-30 में बना तीन मूर्ति भवन भारत में कमांडर-इन-चीफ का आधिकारिक निवास था। अगस्त 1948 में यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक निवास बन गया।
बताते चले कि नाम बदलने के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' के जरिए केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय अब पीएमएमएल (प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय) बन गया है।" उन्होंने आरोप लगाया, " मोदी जी भय, पूर्वाग्रह और असुरक्षा से घिरे हुए हैं, खासकर जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री की आती है। उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना है। उन्होंने 'एन' को मिटाकर उसकी जगह 'पी' कर दिया है।
जिनका अपना इतिहास नहीं है, वे दूसरों के इतिहास को मिटाने पर उतारू : मल्लिकार्जुन खड़गे
बता दे कि लगातार सभी पार्टी ने बीजेपी पर तंज कसा .... वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था- जिनका अपना इतिहास नहीं है, वे दूसरों के इतिहास को मिटाने पर उतारू हैं। स्मारक का नाम बदलने का प्रयास आधुनिक भारत के निर्माता और लोकतंत्र के निर्भीक संरक्षक पंडित जवाहर लाल नेहरू के व्यक्तित्व को छोटा नहीं कर सकता। यह भाजपा-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये को ही दर्शाता है।
नेहरू की विरासत हमेशा जिन्दा रहेगी : रमेश
रमेश ने कहा कि , प्रधानमंत्री मोदी स्वतंत्रता आंदोलन में नेहरू के विशाल योगदान और भारत राष्ट्र-राज्य की लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदार नींव के निर्माण में उनकी महान उपलब्धियों को कभी भी मिटा नहीं सकते। इन सभी पर अब मोदी जी और उनकी वाह-वाह करने वालों की ओर से लगातार हमला किया जा रहा है।" उन्होंने कहा, "लगातार हमले के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत हमेशा जीवित रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।