
Ganesh Chaturthi 2024: 10 दिन तक क्यों मनाया जाता है उत्सव गणेश? जानें पौराणिक कथा
सभी देवी-देवताओं में गणपति बप्पा यानी भगवान गणेश को उच्च स्थान प्राप्त है। इसी वजह से किसी भी भगवान की पूजा करने से पहले गणेश जी की उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यदि साधक नियमित रूप से भगवान गणेश जी की आराधना करता है, तो उसके घर-परिवार में सदा सकारात्मकता बनी रहती है। इनके साथ ही धन की देवी माता लक्ष्मी की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है। भगवान गणेश की उपासना करने के लिए गणेश चतुर्थी के त्योहार को शुभ माना जाता है। इस दिन लोग अपने घर में गणपति बप्पा की मूर्ति लेकर आते हैं और 10 दिन तक उनकी पूजा करते हैं। आखिरी दिन मूर्ति का विसर्जन करके बप्पा को विदा करते हैं।
लेकिन कभी आपने ये सोचा है कि गणेश उत्सव का पर्व 10 दिनों तक क्यों मनाया जाता है। यदि आप भी इसी सवाल को लेकर कन्फ्यूजन में है, तो चलिए जानते हैं इसी सवाल का जवाब एक पौराणिक कथा के माध्यम से।
10 दिनों तक क्यों मनाते हैं पर्व?
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान गणेश से वेदव्यास जी ने महाभारत ग्रंथ लिखने का आग्रह किया था। वेदव्यास जी के कहने पर भगवान गणेश ने बिना रुके 10 दिन तक महाभारत ग्रंथ लिखी। 10 दिन तक गणेश जी ने न तो कुछ खाया था और न ही अपनी जगह से हिले थे। ऐसे में इस दौरान भगवान गणेश के शरीर पर धूल-मिट्टी जमा हो गई थी। उनके कपड़े गंदे हो गए थे। 10वें दिन अनंत चतुर्दशी तिथि पर भगवान गणेश जी ने महाभारत को लिखकर पूरा किया।
पूरी महाभारत लिखने के बाद भगवान गणेश जी ने 10वें दिन नदी में स्नान किया था। इसी के बाद से गणेश उत्सव का पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है। 10वें दिन अनंत चतुर्दशी के मौके पर भगवान गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। मान्यता ये भी है कि इन 10 दिनों के दौरान भगवान गणेश हर साल पृथ्वी पर भ्रमण करने के लिए आते हैं। इसी वजह से लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति को लाते है और उसकी विधिपूर्वक पूजा करते है।
कब है गणेश चतुर्थी 2024
बता दें, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि के दिन हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है, जिसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार गणेश चतुर्थी का त्योहार 7 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। वहीं मूर्ति का विसर्जन यानी अनंत चतुर्दशी का त्योहार 17 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। गणेश चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा की पूजा के शुभ मुहूर्त का आरंभ सुबह 11 बजकर 03 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन दोपहर में 01:33 मिनट पर होगा।
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